भैसोदा: कलश, पोथी एवं निशान यात्रा के साथ श्री श्याम अमृत कथा का शुभारंभ, दरबार में बैठकर कथा श्रवण करना ही सच्चा आनंद


भैंसोदा: भजन करने का मतलब भक्ति होता है। भक्ति भाव से करना चाहिए। दरबार मे बैठकर भाव से कथा श्रवण करना ही सच्चा आनंद है।यह आनंद कभी नष्ट नही होता है।सांसारिक जीवन में मिला आनन्द नष्ट हो जाता है। परंतु पौराणिक धार्मिक कथा सुनने से मिला आनंद ही सच्चा आनंद है। यह कभी नष्ट नही होता।बाबा श्याम कलयुग के राजा है और हारे के सहारे है। यह बात नगर की ब्रह्म वाटिका ब्राह्मण धर्मशाला में हारे का सहारा समिति एवं नगरवासियों के तत्वावधान में चल रही तीन दिवसीय श्याम अमृत कथा के दौरान व्यासपीठ पर आसीन बाल संत वंदना शर्मा ने कही। उन्होंने 'बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ' का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि सच्ची श्रद्धा एवं भाव से भगवान की भक्ति की जाए तो भगवान भक्तो की हर कामना पूरी करते है।

 कथा आरम्भ से पूर्व भव्य कलश, पोथी व निशान यात्रा बाबा श्याम के दरबार के साथ बैंडबाजों के साथ निकाली गई। जो नगर के विभिन्न मार्गों सदर बाजार, अस्पताल रोड़, देवरा चौक, पीपल चौक होते हुए निकली। जगह- जगह कलश यात्रा का पुष्प वर्षा कर एवं पोथी पूजन कर नागरिकों ने स्वागत किया।
इस दौरान श्याममय भजनों पर श्यामप्रेमी झूमतेनाचते हुए चल रहे थे। कलश यात्रा कथा पांडाल में पहुँची, जहा विधिविधान से कथा का शुभारंभ हुआ। वही आज रात्रि 7 बजे एक शाम खाटू वाले श्याम के नाम भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा।कथा के दौरान बड़ी संख्या में नगर सहित आसपास के क्षेत्रों से श्याम प्रेमी पहुँचे व धर्मलाभ लिया।

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