महिलाएं चौकी आने से झिझकती हैं
चौकी में महिला पुलिसकर्मी न होने से पीड़ित महिलाएं शिकायत दर्ज कराने में असहज महसूस करती हैं। कई मामलों में तो पीड़िताएं चौकी तक कदम ही नहीं रख पातीं, जिससे घटनाएं दब जाती हैं या देर से सामने आती हैं।
स्टाफ आधा, जिम्मेदारियां दुगुनी
पुलिस चौकी में सब इंस्पेक्टर के अलावा कुल 10 पद स्वीकृत हैं। जिसमें 3 एएसआई, 2 प्रधान आरक्षक व 5 आरक्षक है। लेकिन वर्तमान में सिर्फ 5 कर्मचारी ही पदस्थ हैं। 2 एएसआई, 1 प्रधान आरक्षक और 2 आरक्षक यानी लगभग आधा स्टाफ। सबसे बड़ी बात यह है कि महिला पुलिसकर्मी का एक भी पद स्वीकृत नहीं है।
नगर परिषद में महिलाएं मजबूत, पर सुरक्षा में कमी
गौरतलब है कि भैसोदा नगर परिषद की अध्यक्ष महिला हैं। 15 पार्षदों में से 8 महिला पार्षद हैं। लेकिन विडंबना यह कि महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले इसी नगर में महिला सुरक्षा के लिए आवश्यक महिला पुलिस ही नहीं है। क्षेत्र में बढ़ती जनसंख्या और अपराध की प्रकृति को देखते हुए चौकी को पूर्ण स्टाफ, रात्रि गश्त और आधुनिक संसाधनों से सशक्त किए जाने की आवश्यकता है।
11 गांव सिर्फ एक पुलिस चौकी के भरोसे है और बल भी आधा ही है। महिला पुलिस तो है ही नही। इसको थाना बना देना चाहिए। हमने इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नप बनने के बाद ही पत्र भी लिखा था। चूंकि जिले में कई जगह ऐसी है जहां थाना वहां से भी ज्यादा यहां की जनसँख्या है।
एक भी महिला पुलिसकर्मी न होना बेहद गम्भीर लापरवाही है। महिलाओं से जुड़े अपराधों में तुरंत कार्रवाई जरूरी होती है, लेकिन महिला पुलिस न होने से पीड़िताएं चौकी आने से ही हिचक जाती हैं। यह स्थिति महिला सुरक्षा और सम्मान दोनों के लिए चिंताजनक है। नप में महिलाओं का मजबूत प्रतिनिधित्व है, इसलिए हमारी पहली प्राथमिकता यही होनी चाहिए कि चौकी में कम से कम एक महिला अधिकारी और पर्याप्त महिला आरक्षक तुरंत तैनात किए जाएं। जब तक महिला पुलिस नहीं होगी, तब तक महिलाएं सुरक्षित महसूस कैसे करेंगी। प्रशासन को इस मुद्दे पर तत्काल कदम उठाने होंगे।”
पास ही एक बड़ा कस्बा भवानीमंडी भी है।राज. एमपी की बॉर्डर होने से अपराधों की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है। नगर परिषद में अध्यक्ष से लेकर आधे से अधिक पार्षद महिलाएं हैं, तो महिलाओं की सुरक्षा पर ठोस पहल होना और भी आवश्यक है। हमारी बेटियां, बहनें और आम महिलाएं अपनी बात रखने में असहज महसूस करती हैं।



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