जंगली छिपकली के प्राइवेट पार्ट की पूजा फिर होती सागौन की तस्करी!

मध्य प्रदेश के अवैध सागौन तस्करी मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. गिरफ्तार एक आरोपी ने बताया कि वह तस्करी से पहले मॉनीटर गोधिका (जंगली छिपकली) के जननांग की पूजा किया करते थे.

मध्य प्रदेश के खंडवा में पुलिस ने सागौन तस्करी का भंडाफोड़ किया था. अब इस केस में ऐसा खुलासा हुआ है, जो वाकई हैरान कर देने वाला है. यहां तस्कर पहले जंगली छिपकली के प्राइवेट पार्ट की पूजा करते थे. उसके बाद तस्करी को अंजाम देते थे.


आरोपी दीपक ने बताया कि कटाई से पहले गैंग के सभी सदस्य जंगल में वन्यप्राणी मॉनिटर लिजार्ड यानी जंगली छिपकली के जननांग की पूजा करते थे. यह जीव वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के शेड्यूल-1 में शामिल है.

वनमंडल खंडवा के आंवलिया परिक्षेत्र में वन विभाग की कार्रवाई जारी है. सरगना कपिल विश्नोई की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को आरोपी दीपक पिता रामसिंग कोरकू निवासी बरमलाय को पकड़ा गया. पूछताछ में उसने पूजा और तस्करी के पूरे तरीकों का खुलासा किया. उसकी निशानदेही पर जंगल से वन्यप्राणी अवयव जब्त किए गए. इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया.

तस्करी के इस गैंग का सरगना कपिल विश्नोई है. वो रेत कारोबारी है. उसने इंस्टाग्राम पर हथियार लहराते हुए वीडियो पोस्ट किए थे. अब कार्रवाई के डर से उसने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया. पूछताछ में दीपक ने गैंग के अन्य सदस्यों के नाम भी बताए हैं, जिनमें बृजमोहन उर्फ बिरजू पटेल, गणेश उर्फ कुप्पा, विजय पंडित, मंगू सरदार और नगावा निवासी हरि पवार बंजारा शामिल हैं.

इनका नेटवर्क हरदा जिले तक फैला है, जहां शरद विश्नोई को अवैध माल सप्लाई किया जाता था. वन विभाग अब गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटा है और पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी में है.

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