47 डिग्री के टॉर्चर के बीच अग्नि स्नान कर रहे नागा साधु, नौतपा में 11 दिनों तक इसी तपस्या में रहेंगे लीन

जालौर: राजस्थान के जालौर में भीषण गर्मी के बीच एक नागा साधु की तपस्या चर्चा का विषय बनी हुई है. जालौर के भीनमाल में 47 डिग्री तापमान में नवीन गिरी महाराज आग के बीच बैठकर तपस्या कर रहे हैं. उनकी यह तपस्या दोपहर 12 से 3 बजे तक जारी रहती है, जो 11 दिनों तक चलेगी. उनकी तपस्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

राजस्थान के जालौर में भीषण गर्मी का दौर जारी है और तापमान 47 डिग्री सेल्सियस है. शनिवार, 31 मई से नौतपा की भी शुरुआत हो गई है. ऐसे में जहां आमजन भीषण गर्मी और आग उगलती धूप से परेशान हैं तो वहीं एक नागा साधु की तपस्या चर्चा में है, जो अग्नि स्नान कर रहे हैं. वह आग के बीच बैठकर तपस्या कर रहे हैं. उन्हें दूर-दराज से लोग देखने के लिए पहुंच रहे हैं.

जालौर के भीनमाल में एक नागा साधु तेज धूप के बीच तपस्या कर रहे हैं. भीनमाल क्षेमकरी माता तलहटी के पास हनुमान भाखरी के पीछे महाकालेश्वर धाम परिसर में नागा साधु नवीन गिरी महाराज ये तपस्या कर रहे हैं. उनके चारों तरफ आग जलाई गई है. जानकारी के मुताबिक पंच दशनाम जूना अखाड़ा के नवीन गिरी नागा साधु अपने आश्रम में इन दिनों 11 दिनों तक तपस्या में लीन रहेंगे.

3 घंटे करते हैं धूप में तपस्या

वह 26 मई से 6 जून तक दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक कड़ी धूप में को तपस्या करेंगे. इस तपस्या के दौरान आग का एक गोल घेरा बनाया गया है, जिसके बीच में बैठकर वह तपस्या कर रहे हैं. उनका तपस्या करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. नागा साधु की ये तपस्या चर्चा का विषय बनी हुई है. लोग हैरान है कि आखिरकार इस भीषण गर्मी के बीच जहां लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. वहीं इस कड़ी धूप के बीच तपस्या करना बेहद मुश्किल है.

दूर-दराज से पहुंच रहे लोग

भीनमाल में सामान्य तौर पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री से भी अधिक रहता है. ऐसे में भीषण गर्मी में नागा साधु की तपस्या को देखने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं. जालौर में लगातार गर्म हवाएं चल रही हैं, जिससे मौसम और गर्म हो जाता है. ऐसे में लोगों के पसीने छूट रहे हैं. लेकिन साधु नवीन गिरी महाराज 12 से 3 बजे तक कड़ी धूप में इस साधना को कर रहे हैं. उनके तपस्या में बैठने पर साधना स्थान पर बने बीच घेरे में आग जलाई जाती है, जिसमें वह बिना किसी वस्त्र का सहारा लिए तपस्या कर रहे हैं.

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