भवानीमंडी: भवानीमंडी रेलवे स्टेशन के पास लंबे समय से अधूरे पडे सडक निर्माण को लेकर गत दो दिन से राजनीति गरम है। भाजपा नेताओं ने पालिकाध्यक्ष कैलाश बोहरा को सडक के निर्माण में अडंगा लगाने का दोषी ठहराया। जबकि बोहरा ने इसे भाजपा का राजनीतिक स्टंट बताया है। हालांकि अधूरी सडक राहगीरोें और वाह चालकों के लिए आफत बनी हुई थी लेकिन इस राजनीतिक द्वंद के बाद लोगों से परेशानी से राहत मिलने की उम्मीद है।
लम्बे समय से अधूरे पड़े रेलवे स्टेशन मार्ग के कार्य को साल के प्रथम दिन 1 जनवरी 2025 को नगर भाजपा की टीम ने मण्डल अध्यक्ष सुनिश दीक्षित के नेतृत्व में मौके पर पहुँचकर शुरू करवा दिया। जिसके बाद उपखंड कार्यालय से एक प्रेस नोट जारी कर जमीन को दान देने की बात सामने आई। वही माला पहने नगरपालिका अध्यक्ष कैलाश बोहरा का फोटो भी सोशल मीडिया पर यह बताकर वायरल किया गया कि उन्होंने अपनी जमीन दान दी है जबकि प्रशासन द्वारा जारी प्रेस नोट में उनके नाम का कोई जिक्र नही किया गया। वही दूसरी ओर दान की हुई जमीन को नगर भाजापा अतिक्रमण बता रही है।
दरअसल सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा एसडीएम तिराहे से भवानीमंडी रेलेवे स्टेशन तक सीसी रोड का निर्माण करवाया जा रहा था। लेकिन स्टेशन तिराहे से लेकर रेलेवे स्टेशन की सीमा तक का टुकड़ा अधूरा ही छोड़ दिया गया। जिसको देखने महीने भर पहले क्षेत्रीय विधायक कालूराम मेघवाल मौके पर पहुँचे थे और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। लेकिन फिर से एक अधूरे पड़े सड़क के टुकड़े का भी आधा भाग बनाकर छोड़ दिया और महीनेभर तक कार्य रुका रहा।
इधर अधूरे काम का दबी जुबान में लोग विरोध भी कर रहे थे। लेकिन अधूरी सडक के कारण दुर्घटनाएं होने लगी और कई गाड़ियो के टायर सड़क से नीचे उतर गए। भारी यातायात वाला दो राज्यो को जोड़ने वाला व्यस्तम स्टेशन तिराहा जब जोखिम भरा मार्ग बनने लगा। जिसके बाद जनविरोध सोशल मीडिया पर तेज हो गया तो लम्बे अंतराल के बाद लोगो को नगर पालिका विपक्ष की सक्रिय भूमिका देखने को मिली। आमजन की आवाज के रूप में 2025 के प्रथम दिन नगर भाजपा की टीम ने अधूरे पड़े सड़क निर्माण का जमकर विरोध किया और अतिक्रमणकारियों को खुली चेतावनी भी दी। भाजपा नेताओं ने पालिकाध्यक्ष बोहरा पर जनता को समस्या में डालकर अपना निजी हित साधने के आरोप लगाए। जबकि पालिकाध्यक्ष कैलाश बोहरा ने जनहितार्थ अपने बेटे के स्वामित्व वाली जमीन को देने का दावा किया। प्रशानिक अधिकारियों की समझाइश के बाद सडक का निर्माण कार्य फिर से शुरू करवाया गया। इस दौरान एसडीएम छत्रपाल चौधरी, तहसीलदार अब्दुल हफिज, अधिशाषी अधिकारी दीपक नागर व पुलिस जाप्ता मौजूद रहा।
दुविधा या दान या फिर कुछ ओर
अधूरी पड़ी सड़क का कार्य शुरू होने के बाद ही सोशल ग्रुप में एक प्रेस नोट तेजी से वायरल होने लगा जिसमें सम्बंधित भूमि को प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद फूलचंद जी शर्मा नारायण मिष्ठान भंडार वाले द्वारा जनहित में दान देने की बात लिखी गई। वही पालिकाध्यक्ष कैलाश बोहरा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये कहा कि खुद की व सभी दुकानदारों की बहुमूल्य कीमती जमीन को नगर के विकास के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से पहले ही मिलकर जनहित में उपयोग में देने के लिए आश्वासन दिया था। परन्तु भाजपा को कैसे न कैसे करके अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करना था। इस कारण से जनहित के इस मुद्दे को राजनीतिक रूप देने का प्रयास किया। बहरहाल जनहित में जमीन देने की बात पहले से तय होने के बाद भी आमजन को कई महीनों तक दुविधा का सामना करना पड़ा।
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