पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है। यहां 24 घंटे जवानों का पहरा है। क्राइम लोकेशन चट्टान पारा पहुंची तो इसका खुलासा हुआ।
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कमरे में मौजूद साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई। डिस्पोजल और प्लेट को जलाया गया। |
छत्तीसगढ़: बीजापुर में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने अपने बैडमिंटन कोर्ट परिसर में ही पत्रकार मुकेश की हत्या करवाई। फिर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। मर्डर से पहले जिस डिस्पोजल प्लेट में पत्रकार मुकेश को खाना खिलाया गया उसे बाथरूम के पीछे जला दिया गया। पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है। यहां 24 घंटे जवानों का पहरा है। दैनिक भास्कर की टीम क्राइम लोकेशन चट्टान पारा पहुंची तो इसका खुलासा हुआ।
बैडमिंटन कोर्ट परिसर सुरेश और उसके भाइयों का अय्याशी का अड्डा था। यहां तीनों भाई शराब खोरी किया करते थे। कैंपस में शराब की बोतलों के ढेर मिले हैं। अंदर बाड़े में किसी को घुसने नहीं दिया जाता था। यहां वही जाता था जिन्हें सुरेश, दिनेश या फिर रितेश लेकर आते थे।
घर से 2 किमी दूरी पर हुई हत्या
सुरेश बैडमिंटन कोर्ट परिसर में मौजूद करीब 10 से 12 कमरों को स्टोर रूम बनाकर रखा था। आस-पास सैकड़ों घर भी हैं। जब भास्कर की टीम ने इलाके में रहने वाले लोगों से बातचीत करने की कोशिश की तो लोगों ने कैमरे के सामने बात करने से मना कर दिया। ये इलाका मुकेश के घर से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित है।
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फोटो में दिख रहे इसी कमरे में मर्डर हुआ था, अब पुलिस ने इसे सील कर दिया है। |
बाहर से ऑर्डर कर मंगाया गया था खाना
रितेश ने मुकेश को यहीं पर डिनर के लिए बुलाया था। रिपोर्टिंग के दौरान हमें यहां टैंक के बगल स्थित बाथरूम के पीछे एल्युमिनियम बटर फॉइल डिस्पोजल पैकेट, दोना, कागज थाली समेत अन्य सामान के जले हुए अवशेष मिले।
इन अवशेषों को देख ऐसा लग रहा मानो खाना बाहर से ऑर्डर कर मंगवाया गया हो। ये साक्ष्य थे जिन्हें जलाकर मिटाने की कोशिश की गई थी। कुछ जले कुछ आधे जले हुए हैं।
झाड़ियों में शराब की बोतलें, अन्य सामान भी
जब यहां जले हुए अवशेष मिले तो हमने इस परिसर में और भी जगह देखी। जब गेट के बाहर निकल रहे थे तो हमारी नजर एक कमरे के बगल में स्थित झाड़ियों पर पड़ी। यहां ढेरों शराब की बोतलें मिली। जिस तरह से इलाके के लोगों ने बताया था कि ये तीनों भाइयों का अय्याशी का अड्डा था यो यहां शराब की बोतलें मिलना भी इसका प्रमाण है।
गेट के सामने सड़क और निर्माणाधीन घर, बगल और पीछे भी घर
जिस जगह पत्रकार मुकेश की हत्या हुई उसके ठीक सामने सड़क है। हत्या 1 जनवरी की रात करीब 7 से 9 के बीच हुई। इस वक्त सड़क से लोगों की लगातार आवाजाही हो रही थी। बाहर चहल-पहल थी। गेट के ठीक सामने एक निर्माणाधीन मकान है इसलिए किसी की नजर नहीं पड़ी।
SP बोले- हां सबूत मिटाए थे
SP जितेंद्र यादव ने इस बात की पुष्टि की है कि हत्यारों ने साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया था। उनपर हुई FIR में साक्ष्य मिटाने पर BNS की धारा 238 भी लगाई गई है। कमरे के पीछे और बगल में भी घर हैं। उस इलाके के कुछ लोगों का कहना है कि रात में उन्होंने दबी-दबी शोरगुल की आवाज सुनी थी। लेकिन, जब 3 तारीख को शव निकाला गया तो पता चला हत्या हुई है।
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इसी टैंक से पत्रकार की लाश निकाली थी। |
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