भारत में न्याय मिलना कितना मुश्किल है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान में एक नाबालिग के साथ 1986 में रेप हुआ था. मगर इंसाफ उसे 40 साल बाद मिला है. जानिए पूरा मामला
राजस्थान में एक लड़की के साथ उस समय रेप हुआ जब वह नाबालिग थी और जिस शख्स ने इस घटना को अंजाम दिया, उस समय उसकी उम्र 21 साल थी. अब 40 साल बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने न्याय में देरी के लिए दुख जताया. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने कहा कि हमें दुख है कि फैसले आने में चार दशक लगे.शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के जुलाई 2013 के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें उसने आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया था. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि इस नाबालिग लड़की और उसके परिवार को अपने जीवन के इस भयावह अध्याय के बंद होने के इंतजार में लगभग चार दशक गुजारने पड़ रहे हैं.
SC ने पलटा राजस्थान HC का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए दोषी को निचली अदालत द्वारा दी गई सात साल की सजा को बहाल कर दिया. इसके साथ ही दोषी को चार हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया है. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि बच्ची की चुप्पी का मतलब ये नहीं लगाया जा सकता कि उसके साथ अपराध हुआ ही नहीं.
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