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जिला अस्पताल पर धरने पर बैठे परिजन |
आज रविवार सुबह से ही परिजन धरने पर बैठकर परिवार को न्याय देने की मांग कर रहे है। वही दूसरी प्रसुता रेशम का शव कल ही पोस्टमार्टम कर उसके परिजनों को सौंप दिया था। प्रदर्शनकारी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग कर उठा रहे है। हालांकि जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने कल ही महिला रोग विशेषज्ञ डॉ पूजा मीणा सहित समस्त प्रसव कक्ष के स्टाफ को एपीओ कर दिया था। तनाव की स्थिति को बढ़ता देख बड़ी संख्या में एसआरजी अस्पताल में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा समझाइश के प्रयास किये जा रहे है।
परिजन व प्रदर्शनकारियों की ये है मांग
परिजनों की मांग है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से ही प्रसुता कविता की मौत हुई है। न्याय की मांग करते हुवे 50 लाख का मुआवजा व पति को सरकारी नौकरी, बच्चे का 18 साल तक लालन पालन की जिम्मा सरकार उठाये, ऐसी बात कह रहे है।
यह है पूरा मामला
भवानीमंडी के सामुदायिक चिकित्सालय में शनिवार को चिकित्सकों की लापरवाही से दो प्रसुताओं की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया।
परिजनों ने महिला चिकित्सक पर इलाज के नाम पर अवैध रूपए वसूलने और इलाज में लापरवाही के गम्भीर आरोप लगाये है। जिसके बाद जिला कलक्टर ने शाम को लेबर रूम में तैनात पूरे स्टाफ को एपीओ कर दिया था। अस्पताल के लेबर रूम में नॉर्मल प्रसव के बाद दो प्रसुताओं की मौत हो गई। हालांकि दोनों नवजात शिशु स्वस्थ हैं।
एक मृतका कविता का ससुराल मध्यप्रदेश के गरोठ तहसील के गांव खजूरीखेड़ा और दूसरी रेशम ग्राम झिझनी की रहने वाली बताई जा रही है। दोनों की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा मचाया और महिला डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाए। कविता के एक परिजन ने महिला चिकित्सक पर प्रसव कराने के एवज में रुपये लेने का आरोप लगाया। इस दौरान लेबर रूम में स्त्री रोग विशषज्ञ डॉ पूजा मीणा तैनात थी। उनका कहना है कि दोनों ही प्रसुताओं की नॉर्मल डिलवरी हुई थी। कुछ देर बार लेबर रूम में प्रसूता रेशम बाई की तबियत बिगड़ने लगी और कार्डिक अरेस्ट आया। जिसको तुरंत सीपीआर दी और जिला अस्पताल रेफर किया गया। जबकि दूसरी प्रसूता कविता, प्रसूता रेशम बाई की बिगड़ती हालात को देखकर घबरा गई। दोनों की रेफर के दौरान ही मौत हो गई।
परिजनों ने कहा लापरवाही से हुई मौत, पैसे भी लिए
मृतका रेशम बाई के पति प्रवीण ने बताया कि वे रेशम को सुबह 5 बजे हॉस्पिटल लाए थे। जिसके बाद दोपहर करीब एक बजे नार्मल डिलवरी हुई थी। प्रसव डॉ पूजा मीणा की देखरेख में हुआ लेकिन प्रसव के तुरंत बाद वे लेबर रूम से चली गई। करीब ढाई घण्टे बाद उनको बताया गया कि रेशम की ब्लडप्रेशर बढ गया। इस दौरान मौजूद स्टाफ ने ही टैबलेट्स दी ओर इंजेक्शन लगाए। ऑक्सीजन सिलेंडर भी लगाया। इसके बाद सूचना पर डॉ पूजा मीणा अस्पताल पहुंची और प्रसूता को रेफर करने के लिए कहा। लेकिन ने जाकर प्रसूता को देखा तो पता चला कि रेफर करने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।
मृतका कविता के रिश्तेदार मोहनलाल ने बताया कि डॉक्टर की लापरवाही से ही प्रसूता की मौत हुई है। इलाज के समय उन्होंने 2000 रुपये भी हॉस्पिटल के स्टाफ को दिए है।
एनपीए उठाते हैं और निजी क्लिानिकों पर देखतें हैं पेशेंट
सरकारी कमरुद्दीन अस्पताल में तैनात कई सरकारी चिकित्सक वेतन के साथ नॉन प्रेक्टिशर अलाउंस उठा रहे हैं इसके बावजूद घरों और निजी क्लिनिकों पर फीस लेकर उपचार कर रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा मीणा भी अस्पताल के सामने ही एक निजी क्लिनिक में रोगियों को देखती है। इसके साथ ही सरकार से नॉन प्रैक्टिस अलाउंस भी लेती हैं। नॉन प्रेक्टिसनर अलाउंस सरकारी डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस न करने के बदले में दिया जाने वाला एक प्रकार का भत्ता है, जो मूल वेतन का 20% होता है। जो चिकित्सक घर पर या निजी क्लिनिक में फीस लेकर रोगियों का उपचार करता है उसे अपने विभाग को इसकी सूचना देनी होती है, जिसके बाद ये भत्ता बंद हो जाता है।
पांच को किया एपीओ
प्रसूताओं की मौत की सूचना के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ साजिद खान ने डॉ पूजा मीणा सहित लेबर रूम में तैनात सीनियर नर्सिंग ऑफिसर रचना मेहर, नर्सिंग ऑफिसर कुसुम दांगी, एएनएम अनिता नागर व कविता माली को तुरंत प्रभाव से एपीओ कर दिया है। उन्हें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में उपस्थिति देने के आदेश दिए गए हैं।
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