मुर्दा लड़की हुई जिंदा...!, डेढ़ साल बाद घर लौटी, चार बेगुनाह काट रहे जेल

ब्यूरो रिपोर्ट | मंदसौर: एक महिला जिसके शव का परिवार वालो ने दाह संस्कार कर दिया। मौत के बाद की सारी रस्में पुरी कर दी लेकिन आज डेढ़ साल बाद वहीं महिला एकाएक परिवार वालों से सामने पहुंच गई। एक तरफ तो महिला के दो मासूम बच्चे और परिवार यह देख दंग रह गया तो वहीं दुसरी और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस पुरे घटनाक्रम में सबसे अहम बात यह भी है कि इसी महिला की हत्या के मामले में चार लोग जेल की सजा काट रहे। लेकिन अब महिला ने खुद थाने आकर कहा कि मैं जिंदा हूं, अब सवाल यह है कि बेगुनाह जेल की सलाखों तक कैसे पहुंचे और पुलिस से भला इतनी बड़ी चुक कैसे हो गई?

अब आपको पूरा मामला समझते हैं, दरअसल घटना मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के गांधीसागर थाना क्षेत्र के नावली गांव से जुड़ी है, यहां 18 माह बाद बांछड़ा समुदाय की ललिता बाई अपने घर पहुंची, ललिता की कहानी बड़ी दिलचस्प है, दरअसल 18 महीने पहले गुमशुदा ललिता की घर वालों को मध्यप्रदेश के ही थांदला थाना से पुलिस की मदद से उसकी डेड बॉडी मिली थी और उसका अंतिम संस्कार और मौत के बाद की सारी रस्मे पूरी की। डेढ़ साल से पूरा परिवार और ललिता के दो मासूम बच्चे यही मान रहे थे कि अब वह इस दुनिया में नहीं है, लेकिन आज जब वह अचानक से बच्चों और परिवार के सामने पहुंची तो सब दंग रह गए।

गांव पहुंची महिला ललिता ने बताया कि वह मरी नहीं है, जिंदा है..! जबकि घर में उसकी तस्वीर लगी है और उस पर माला है, उसके नाम के आगे स्वर्गवासी भी लिखा है। महिला गांधीसागर थाने भी पहुंची और यहां भी उसने पुलिस को बयान दिया कि वह जिंदा है, और उसे डेढ़ साल पहले शाहरुख नाम का युवा भानपुरा लेकर गया था, जिसके बाद यहां उसे 5 लाख रुपये में बेचा गया था और फिर शाहरुख उसे राजस्थान के कोटा लेकर गया। लेकिन मौका पाकर वहां से भाग निकली और अब गांव पहुंची। जब मृतक ललिता घर पहुंची तो परिवार वालों के दंग रह गए और सोचने लगे कि यह कैसे हो सकता है। लेकिन ललिता ने खुद कहा कि वह जिंदा है और उसके साथ यह घटनाक्रम हुआ था। उसके बाद परिवारजन और ललिता थाने पहुंचे और आप बीती बताई।

वही दिलचस्प बात यह है कि अपनी गुमशुदा बेटी की तलाश में भटक रहे पिता रमेश को विगत 9 सितंबर 2023 को एक वीडियो के माध्यम से पता चला था कि उनकी बेटी की डेड बॉडी मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के थांदला में मिली है। जब वह वहां पहुंचे थे तो काफी हद तक वह ललिता से मिली जुली थी तो उस डेड बॉडी को लेकर गांव आ गए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। वही महिला की हत्या के आरोप में भानपुरा के इमरान, शाहरुख, सोनू और एजाज इन चार युवकों को थांदला पुलिस ने आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था।

जिसके बाद से अब तक आरोपी जेल में महिला की हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं। लेकिन अब हत्या की मिस्ट्री पूरी तरह बदल गई है, गांधीसागर पुलिस ने भी पूरे मामले की जांच कराई और महिला के बयान के बाद भी गांव पहुंचकर पूरी तफ्तीश की, अब यह साफ हो चुका है कि ललिता की हत्या नहीं हुई थी बल्कि वह जिंदा है। ऐसे में सवाल यही है कि पुलिस से भला इतनी बड़ी चुक कैसे हो गई कि एक महिला की मौत के मामले में चार बैगुनाह, बेकसूर लोग जेल की सलाखों के अंदर हैं? और जिस डेड बॉडी का अंतिम संस्कार ललिता के परिवार वालों ने किया वो भला किसकी थी।


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