जानकारी के अनुसार, प्रहरी दिलीप 2 साल से यहां पोस्टेड था। जबकि, अंकित की ज्वाइनिंग ही यहीं हुई। ये दोनों गुरुवार रात 10 बजे से देर रात 2 बजे (शुक्रवार तक) वाली शिफ्ट में थे। जैसे ही ये भीतर दाखिल हुए जिला जेल अधीक्षक पीके सिंह के निर्देश पर दोनों की तलाशी ली गई। इस दौरान दोनों के पास से प्रतिबंधित सामग्री मिली।
गुटखे-पैकेट की पन्नियां दिखी थीं
दरअसल, जिला जेल अधीक्षक सिंह को कुछ दिनों से निरीक्षण के वक्त परिसर में गुटखे की खाली पन्नियां, सिगरेट पैकेट के टुकड़े दिखे थे जो प्रतिबंधित हैं। ऐसे में शंका हुई तो स्टाफ की मीटिंग लेकर चेताया भी था। लेकिन, कुछ दिनों बाद फिर शिकायतें भी सामने आईं।
ऐसे में गुरुवार रात को अधीक्षक सिंह अचानक जेल के निरीक्षण के लिए पहुंचे। इस दौरान 10 बजे जैसे ही प्रहरी अंकित और दिलीप ड्यूटी के लिए मेन गेट से भीतर दाखिल हुए, कुछ देर में दोनों की चेकिंग की तो प्रतिबंधित सामग्रियां मिलीं।
दोनों के जूते-माैजाें से गुटखा पाउच, जेबों से सिगरेट के पैकेट, बेल्ट के नीचे बीड़ी के बंडल-तंबाकू के पैकेट मिले। मामले में जेल प्रहरियों दिलीप शर्मा व अंकित पर मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) आचरण नियम 1966 के नियम 9 के तहत कार्रवाई की गई है।
जेल में प्रतिबंधित है नशीला सामान
दरअसल धूम्रपान-नशीला सामान होने ये सभी सामग्री जेल में प्रतिबंधित है। ऐसे में कई दिनों सेदाेनों प्रहरी कैदियों की डिमांड पूरी कर रहे थे। जानकारी के अनुसार ये प्रहरी जेल में इन सामग्रियों काे ले जाकर बाजार मूल्य से 10 गुना महंगा बेचते थे। यानी की 5 रुपए का 50 में और 10 रुपए वाला 100 में। जेल अधीक्षक सिंह ने दोनों को सस्पेंड कर विभागीय जांच शुरू की। निलंबन अवधि तक के लिए दोनों को गरोठ उप जेल भेजा गया है।
किसके पास क्या मिला-
प्रहरी दिलीप शर्मा : जूते खुलवाए तो गुटखे के 5 बड़े पाउच (20 रुपए बाजार मूल्य), मौजों में से सिगरेट के 2 पैकेट (100 रुपए प्रति पैकेट), तंबाकू के 3 पैकेट (20 रुपए प्रति) निकले। प्रहरी अंकित शर्मा : बेल्ट के नीचे से बीड़ी के 5 नग (20 रुपए का एक बंडल), जूते के अंदर से 5 नग तंबाकू(10 रुपए का 1), 2 नग 70 नंबर तंबाकू (20 रुपए वाला) मिला।
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