गहलोत ने कहा- जयराम रमेश ने जैसे कहा कि उपराष्ट्रपति को इस्तीफा वापस लेने पर पुनर्विचार करना चाहिए या प्रधानमंत्री को मनाना चाहिए। अगर इस्तीफा वापस लेने की कोई संभावना हो तो मैं भी यही चाहूंगा कि प्रधानमंत्री आगे आए क्योंकि यह घटना देश-विदेश में चर्चा का विषय बनी हुई। क्योंकि प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर जा रहे हैं और उपराष्ट्रपति देश में इस्तीफा दे रहा है तो मैं चाहूंगा प्रधानमंत्री प्रयास करें। यह संभव है क्या इस्तीफा वापस हो जाए।
सरकार फेयरवेल तक नहीं देगी, यह चौंकाने वाली बात
गहलोत ने कहा- खबरें आ रही है कि सरकार कोई फेयरवेल नहीं देगी यह चौंकाने वाली है, आश्चर्यचकित करने वाली है, दुखद भी है और कई सवाल खड़े करने वाली भी है। समय आने पर मालूम पड़ेगा हकीकत क्या थी?
मैंने 10 दिन पहले ही कहा था उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष दबाव में काम कर रहे
गहलोत ने कहा- मैंने अभी 10 दिन पहले जोधपुर में कहा था कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जो राज्यसभा के अध्यक्ष हैं और लोकसभा के अध्यक्ष हैं ओम बिरला जी, दोनों दबाव में काम कर रहे हैं। उसके बाद में धनकड़ साहब जयपुर में आए और कहा कि मैं कोई दबाव में काम नहीं कर रहा हूं, यह उन्होंने कहा था। कहना और बात है हकीकत होना अलग बात है।
आरएसएस,बीजेपी का कोई बड़ा मूव तो नहीं है जो देश से छिपा रहे हों
गहलोत ने कहा- कल की जो घटना हुई है वह वास्तव में चौंकाने वाली है, संशय पैदा करती है कि कहीं आरएसएस और बीजेपी का देश में कहीं कोई वास्तव में बहुत बड़ा मूव तो नहीं है। इसे मैं मामूली घटना नहीं मानता, कोई न कोई मूव तो नहीं है देश के लिए, आरएसएस और बीजेपी छुपा रही हो क्योंकि अचानक लोगों को आश्चर्य हो रहा है।
राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री के हार्ट के ऑरेशन होते हैं तो भी स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा नहीं देते
गहलोत ने कहा- उपराष्ट्रपति का इस्तीफा पूरे देश के लिए चौंकाने वाला है। जो स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है उसके बारे में पूरे देश में चर्चाएं चल रही है, उसमें सबका कहना है कि कोई स्वास्थ्य कारण नहीं हो सकता और कोई कारण होगा जो अभी बाहर नहीं आया। ऐसा लगता है क्योंकि उपराष्ट्रपति का इतिहास में पहली बार इस्तीफा हुआ है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के हार्ट का ऑपरेशन होता है, बाइपास होता है तो भी इस्तीफे नहीं होते, स्वास्थ्य कारण से समझ नहीं आ रहा ।
राजस्थान वालों को बहुत धक्का लगा है गहलोत ने कहा- राजस्थान वालों को बहुत धक्का लगा है क्योंकि वह राजस्थान के रहने वाले हैं। संसद के अंदर और बाहर किसानों के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे और अचानक ही उपराष्ट्रपति पद पर हमारा राजस्थान का सपूत बैठा हो इस्तीफा दे दे तो स्वाभाविक है आम लोगों को भी झटका लगा। यह समझ के परे है।
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