अब किसी भी थाना प्रभारी की पोस्टिंग तीन से छह महीने से ज्यादा नहीं चलेगी। तय समय पूरा होते ही टीआई का स्थानांतरण—थाने से बाहर कर दिया जाएगा। जिला स्तर पर बनाई गई समिति इस पूरी प्रक्रिया पर निगरानी करेगी।
शिकायतों की बढ़ती संख्या बनी वजह
सूत्रों के अनुसार, लंबे समय से एक ही थाने में बैठे कुछ थाना प्रभारियों पर लेनदेन और मनमाने ढंग से कार्रवाई करने के आरोप लगातार सामने आ रहे थे। इसे लेकर अधिकारियों को भी कई शिकायतें मिली थी। मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने सिस्टम में सुधार के लिए रोस्टर मॉडल तैयार किया है।
ऐसे होगी कार्रवाई
जिन थाना प्रभारियों पर लगातार शिकायतें आती रही हैं, उनके मामलों की अलग से जांच की जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर विभागीय कार्रवाई भी संभव है। पुलिस अधीक्षक स्तर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि रोस्टर सिस्टम लागू होने के बाद कोई भी अधिकारी थाने में जरूरत से ज्यादा समय तक नहीं रुकेगा।
एसपी विनोद मीणा का बयान
रोस्टर सिस्टम से पारदर्शिता बढ़ेगी। थानों में एक ही अधिकारी के लंबे समय तक रहने से कई तरह की दिक्कतें पैदा होती हैं। सिस्टम लागू होने से जवाबदेही भी तय होगी।
— विनोद मीणा, एसपी मंदसौर
रोस्टर सिस्टम से होने वाले प्रमुख फायदे
- थानों में जमावट खत्म होगी
- मनमानी और स्थानीय दबाव कम होगा
- शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई संभव
- पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी
- कामकाज की समीक्षा अधिक प्रभावी होगी



Post a Comment