बैलगाड़ी में सवार परिवार देख हर कोई दंग, एक शादी प्राचीन भारतीय संस्कृति वाली

 बैलगाड़ी पर बारात निकालते बाराती 

मन्दसौर; आज के आधुनिक समय में जहां शादी सहित अन्य आयोजनों में बेहतर करने की होड़ मची है। वहीं भारतीय संस्कृति पर आधुनिकता इतनी हावी है कि दूल्हा हेलीकॉप्टर लेकर तक अपनी दुल्हन को लेने जा रहा है। लेकिन आधुनिकता की इसी चकाचौंध के बीच मंदसौर से एक एसी तस्वीर सामने आई है जो भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत है। एक भाई अपने पूरे परिवार को बैलगाड़ी में सवार करके अपनी बहन के घर मायरा लेकर पहुंचा। जब आज के इस दौर में आकर्षक सजी बेलगाड़ियां और उसमें सवार भारतीय वेशभूषा के साथ एक परिवार को देखकर हर कोई दंग रह गया। फिर लोगों ने जगह- जगह इनका स्वागत भी किया। दरसल मामला मंदसौर के छोटे से बाबरेचा गांव का है। यहां नागदा परिवार में एक भाई ने अपनी बहन का मायरा भरने के लिए 11बैलगाड़ी का उपयोग किया और पुरे 12 किलो मीटर का सफर तय कर बहन के ससुरालगांव रिंडा पहुंचे और बहन को मायरा पहनाया। इस बीच बैलगाड़ी के इस मायरे जगह-जगह लोगों ने खुब स्वागत सत्कार किया। नागदा परिवार के घनश्याम नागदा ओर ओम नागदा का कहना है की अपनी भारत की पुरानी संस्कृति नई पीढ़ी को दिखाने और पर्यावरण सहित लोकल फोर वोकल को अपनाने का मन में सपना था।

जिसको आज पूरा करने के लिए बैलगाड़ी से मायरा ले जाने का महज 15 दिनों पहले विचार आया और आज सपने को पुरा भी कर लिया। 11 बैलगाड़ी के मायरे वाले इस सफर में सबसे आगे वाली गाड़ी में भगवान सांवरिया सेठ की पालकी बिठाई गई। उसी में सगे दो भाई भी सवार हुए। भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत इस मायरे ओर फिर भगवान की पालकी का लोगों ने स्वागत किया। मायरा मंदसौर तहसील के गांव बाबरेचा से शुरू हुआ जो 12 km दूर रिंडा गांव पहुंचा। जहा के ग्रामवासियों ने गांव प्रधान सहित सभी मेहमानों का स्वागत किया। इसके बाद विवाह की रस्में पुरी की गई।


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