झूठी शिकायत कर ASI को ट्रैप करवाया, अब परिवादी को सजा, 3 महीने की जेल

ASI के ट्रैप के बाद परिवादी की ओर से झूठी गवाही देने के मामले में ACB कोर्ट कोटा ने सजा सुनाई है। कोर्ट ने परिवादी को 3 महीने का साधारण कारावास की सजा और 500 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

लोक अभियोजक जया गौतम ने बताया- उद्योग नगर क्षेत्र के श्रीराम नगर कच्ची बस्ती में रहने वाले केदार सिंह ने साल 2002 में उद्योग नगर थाने के तत्कालीन ASI शैतान सिंह को 1000 रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप करवाया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान परिवादी ने अपना बयान बदल दिया था। इसके बाद ASI को बरी कर दिया गया।

स्कूटर खरीदने के लिए ASI से उधार लिया था

बयान बदलने और झूठी रिपोर्ट करने पर परिवादी केदार के खिलाफ धारा 344 में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। परिवादी ने जुलाई 2024 में वकील के जरिए नोटिस का जवाब पेश किया। संतोषप्रद जवाब नहीं होने पर कोर्ट ने प्रसंज्ञान लिया।

परिवादी ने बहस के दौरान बताया- वो ग्रामीण परिवेश का व्यक्ति है। उस समय उसने एक स्कूटर खरीदा था। उसकी ASI शैतान सिंह से थोड़ी जान-पहचान थी। पैसे कम पड़ रहे थे। इस पर ASI से 2 हजार रुपए उधार लिए थे। एक महीने में पैसा वापस देने की बात कही थी। मैं एक महीने में पैसे नहीं दे पाया।

उसी समय कॉलोनी में चोरी की वारदात हुई। शैतान सिंह मुझे उठाकर ले गया और स्कूटर भी ले आया। उधार नहीं लौटाने पर शैतान सिंह ने उसे झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी दी गई, जिसकी शिकायत एसपी ऑफिस में करना चाहता था। भूलवश एंटी करप्शन विभाग में शिकायत कर दी।

ये था मामला जनवरी 2002 में परिवादी केदार सिंह (24) ने एसीबी चौकी कोटा में शिकायत दी थी। शिकायत में बताया था कि उद्योग नगर थाने के ASI शैतान सिंह ने चोरी के मुकदमे में नहीं फंसाने और गुंडा एक्ट नहीं लगाने के एवज में 2 हजार की रिश्वत मांगी। शिकायत सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि होने पर एसीबी की टीम ने ट्रैप की कार्रवाई की। ASI शैतान सिंह को एक हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।

जांच के बाद दिसंबर 2003 में कोर्ट में चालान पेश किया। कुल 10 गवाह के बयान करवाए। जनवरी 2006 में कोर्ट ने आरोपी ASI शैतान सिंह को बरी कर दिया।

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