● लगातार हो रही कार्यवाई से आमजन में विश्वास, भूमाफियाओं में डर का माहौल
● सार्वजनिक हित की जमीनों को कूटनीति से कब्जाने वालो की लंबी है फेहरिस्त, कई सफेदपोश भी शामिल
भवानीमंडी। कपिल चौहान: भवानीमंडी एसडीएम श्रद्धा गोमे इन दिनों सार्वजनिक हित की जमीनों के संरक्षण को लेकर बेहद सख्त है। सरकारी जमीनों पर कब्जा करने व कूटरचित तरीके से उनको अपने नाम करवाने वालो के एसडीएम की लगातार कार्यवाई से होश उड़े हुवे है। कुछ दिन पहले एसडीएम कोर्ट के एक जनहितार्थ फैसले के बाद मेला मैदान की सार्वजनिक जमीन फिर से भवानीमंडी नपा के नाम हो पाई। उसके बाद इस सार्वजनिक हित की भूमि के कब्जा मुक्त होने से शहरवासियों में प्रशासनिक कार्यशैली के प्रति विश्वास बड़ा है। वही इस तरह की भूमियों पर अनुचित कब्जा करने वाले भूमाफियाओं के हौंसले भी धराशायी हुवे है। कई दशकों से भूमि हेराफेरो की जकड़ में कैद भवानीमंडी का मेला मैदान, जो खेल ग्राउंड के नाम से चर्चित है। राष्ट्रीय व सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल व मेला प्रांगड़ भी हैं। उसे तत्काल एसडीएम कोर्ट ने एक आदेश के तहत मुक्त करवाकर पुनः नगर पालिका के नाम दर्ज करवा दिया। जो प्रशासनिक क्षमता और आधिकारिक निर्णय की बेहतरीन मिसाल बना है। नही तो यह 'मेला मैदान' सिर्फ इतिहास के पन्नो का गवाह बनकर रह जाता और भविष्य में कहा जाता कि यहां एक था मेला मैदान..!
इसी तारतम्य में मेला मैदान के बाद लगातार सार्वजनिक हित की भूमियों को चिन्हित कर उनको फिर से नगरवासियो के हित हेतु सौंपने की कवायद शुरू की जा रही है। आज भी मेला मैदान के पास ही दूसरी ओर स्थित भूमि पर नगरपालिका द्वारा अवैध रूप से किया गया अस्थाई कब्जा हटाने की कार्यवाई गई। इस दौरान मुख्य नगर पालिका अधिकारी मनीष मीणा व नपा के राजस्व कर्मी मौजूद रहे। दिनोदिन एसडीएम श्रद्धा गोमे द्वारा करवाई जा रही सख्त कार्यवाई से भूमि माफियाओं और सरकारी भूमियों पर कब्जा कर कूटरचित तरीक़े से जमीन हथियाने वालो में सनसनी सी फैल गई है। यह सार्वजनिक जमीनों के संरक्षण की दिशा में एक एसडीएम के पद पर रहते हुवे बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन है।
मेला ग्राउंड के बाद उसी के पास की जमीन का हटवाया कब्जा
मेला ग्राउंड की जमीन पुनः नगर पालिका के नाम हो जाने से नगर में खुशी का माहौल है और लोग उपखंड अधिकारी महोदया श्रद्धा गोमे का आभार करते व शुभकामनाएं देते नही थक रहे है। मेला ग्राउंड के बाद अब नगर पालिका का दस्ता उसी के पास स्थित नपा की अन्य भूमि पर से अवैध कब्जा हटाने पहुँचा। इस दौरान उक्त भूमि का व्यक्तिगत होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति व नपा अधिशाषी अधिकारी के बीच कहासुनी भी हो गई। वही बहस के दौरान बार-बार उक्त व्यक्ति, जो कि सम्बंधित भूमि को उनकी पुशतैनी भूमि होने का दावा करता रहा। ईओ मनीष मीणा बोले कि यह लगभग 10 बीघा भूमि वर्तमान में नगर पालिका के नाम है। यहां पर अवैध कब्जे को हटाया जा रहा है। पूर्व में सार्वजनिक सूचनार्थं पट्ट लगाये हुवे है।
ग़ौरतलब है कि सालो से यह भूमि नपा के नाम चली आ रही है। आज ही कब्जा हटाने की कार्यवाई की गई। यह सब देखकर लगता है कि देर आये दुरुस्त आये..! इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता कि सरकारी जमीनों को हथियाने में कई सफेदपोश की लम्बी फेहरिस्त है।
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