मुख्य अतिथि कर्नल देव आनंद गुर्जर ने अपने संबोधन में कश्मीर के गुर्जर– बकरवाल समुदाय द्वारा देश की सुरक्षा में दिए जा रहे अद्वितीय योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट राइट्स एक्ट, संपूर्ण अनुसूचित जनजाति आरक्षण तथा SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम जैसे संवैधानिक अधिकारों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु महासभा निरंतर संघर्षरत है। उन्होंने ऑपरेशन सर्प-अविनाश और आतंकवाद-विरोधी अन्य अभियानों में गुर्जर–बकरवाल युवाओं की वीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह समुदाय कश्मीर की सुरक्षा की रीढ़ है। ऑपरेशन हल काका जैसे ऐतिहासिक अभियानों में प्रदर्शित साहस को उन्होंने राष्ट्र की गौरव-परंपरा की आधारशिला बताया। उनके उद्बोधन के दौरान ‘गुर्जर–बकरवाल अमर रहें’ के नारों से पूरा पंडाल गूंज उठा।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण समाज में व्याप्त एक प्रमुख कुरीति को समाप्त करने का सर्वसम्मत निर्णय रहा। कर्नल देव आनंद गुर्जर ने इसे सामाजिक और आर्थिक बोझ बताते हुए इसके पूर्ण उन्मूलन का आह्वान किया। मंचासीन पाँचों पटेलों ने इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते हुए समाज के समक्ष घोषणा की, जिसका उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया।
अंत में जिलाध्यक्ष सौदान गुर्जर ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए इस ऐतिहासिक संकल्प को समाज स्तर पर पूर्णतः लागू करने की घोषणा की। कार्यक्रम में लड्डू बैसला, मनोज गुर्जर, पूर्व चेयरमैन रामलाल गुर्जर, राजेश गुर्जर, मुख्य पुजारी पड़ा रमेश गुर्जर, झिरी से रघुराज गुर्जर एवं उनकी टीम, बकानिस से कालूराम गुर्जर, रमेशचंद्र गुर्जर, फूलचंद गुर्जर, नाथूराम सरपंच, हीरीराम सरपंच, दयाराम गुर्जर, रामदयाल गुर्जर, उदयलाल, घनश्याम सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने उपस्थिति दर्ज कर कार्यक्रम को सफल बनाया।

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