“सहकारिता केवल वित्तीय मॉडल नहीं, एकजुटता की ताकत है”—अध्यक्ष
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बैंक अध्यक्ष पिंकी शेखावत ने कहा कि सहकारिता की असली शक्ति सामुदायिक भागीदारी में है। उन्होंने बताया कि भूमि विकास बैंक का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है, ताकि उनकी आय के नए स्रोत विकसित हों और पलायन कम हो सके।उन्होंने कहा कि ग्रामीण सदस्यों को सहकारिता के लाभों से अवगत कराने जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। कृषि उपकरण, सौर ऊर्जा और अन्य हरित पहलों के लिए विशेष ऋण योजनाएं शुरू की जाएंगी। स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों व स्वरोजगार से जुड़े लोगों को बढ़ावा देने के लिए अधिकाधिक ऋण वितरण किया जाएगा।
बैंक होगा डिजिटल, प्रक्रियाएँ होंगी तेज और पारदर्शी
सचिव जयदीप सिंह हाड़ा ने बैंक की आगामी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्था जल्द ही डिजिटलीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इससे ऋण आवेदन, स्वीकृति और वितरण की पूरी प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बनेगी। उन्होंने कहा कि बैंक का विशेष फोकस—महिला स्वयं सहायता समूहों, छोटे किसानों और दीर्घावधि ऋण योजनाओं पर रहेगा, ताकि उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत बने।
आत्मनिर्भर गाँव की ओर कदम
कार्यक्रम में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सहकारिता मॉडल ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए स्थायी समाधान प्रदान करता है और इससे आत्मनिर्भर गाँवों की परिकल्पना को मजबूती मिलती है।


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